खो जाती हैं अनगिनत रातें
इन खुली आँखों के तैरते स्वप्नों में
जगती हैं हज़ारों ख्वाहिशें
कि हसरतों का एक सैलाब सा है
क्षितिज के आलिंगन में
मुस्कुराती हैं ये राहें
किसी राह की उस छोर पे मंजिल मिल जाए
कि दिल में एक तूफ़ान सा है
इन्द्रधनुष के रंगों से
भर दूं रंग अपने भी सपनों में
शीर्ष हो आकाश का अपनी मुट्ठी में
एक ख्वाब सा है
अपनी उमंगों को एक नयी उड़ान दूं
खुद को एक नयी पहचान दूं
कि ये ज़िन्दगी मिली है
हरेक धड्खन में ये एहसास सा है
brilliant!!
ReplyDelete@utsavv .. thnku :D
ReplyDeleteacha hai
ReplyDeletethnks sunny :)
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